हाफिज मोहम्मद सईद
लश्कर-ए-तैयबा के इस चीफ का हाथ मुंबई के 26/11 हमले के पीछे था. 2001 से अपनी गतिविधियां तेज करने वाला हाफिज आज आईएसआई की आंख का तारा माना जाता है. कहते हैं इसका भाषण सुनकर आतंकवाद की दुनिया में भर्तियां शुरू होती हैं.
सैयद सलाहुद्दीन
सैयद सलाहुद्दीन यूसुफ शाह (सईद सलाहुद्दीन) खतरनाक टेररिस्ट ग्रुप हिज्ब-उल-मुजाहिदीन का चीफ है. कश्मीर में होने वाले तमाम आतंकी हमलों का जिम्मेदार सईद ही है. यही नहीं, पाकिस्तान के तमाम गिरोह और अलकायदा के साथ मिलकर ये 'यूनाइटेड जेहाद काउंसिल' भी चलाता है.
दाऊद इब्राहिम
ड्रग्स से लेकर बारूद तक हर जगह इसके हाथ हैं. 1993 में बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट के बाद इसे भी खतरनाक आतंकवादी घोषित किया गया है. दाऊद पूरी दुनिया में से वांटेड की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है. फिलहाल ये पाकिस्तान में आईएसआई की सुरक्षा में है.
मसूद अजहर
ये पाकिस्तानी मुजाहिदीन लीडर एक कुख्यात मिलिटेंट ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद का चीफ है. कश्मीर की वादियों में हिंसा फैलाने में सबसे आगे. कंधार हाईजैक केस में इसका नाम काफी लाइमलाइट में रहा था.
मेमन इब्राहिम
दाऊद इब्राहिम का असिस्टेंट माना जाने वाला ये शख्स 1993 के सीरियल ब्लास्ट में लाइमलाइट में था. फिलहाल खबर है कि ये भी पाकिस्तान में छुपा है और वहां से 'डी' गैंग का बिजनेस संभाल रहा है.
छोटा शकील
दाऊद का दायां हाथ छोटा शकील धमकी देने, फिरौती वसूलने और मर्डर के केस में वांटेड है. भारत में चल रहे 'डी' कंपनी के सारे ऑपरेशंस में इसी का हाथ होता है.
मेमन अब्दुल रजाक
टाइगर मेमन के नाम से मशहूर ये शख्स इंडिया की कई टेररिस्ट गतिविधियों में शामिल रहा है. पाकिस्तान में वेपन ट्रेनिंग से लेकर 1993 के ब्लास्ट में आरडीएक्स की स्मगलिंग तक सबमें इसी का हाथ रहा है.
सैयद हाशिम अब्दुर रहमान पाशा
पाकिस्तान की आर्मी से 2007 में बतौर मेजर रिटायर हुए पाशा ने लश्कर के हेडली केस में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि पाकिस्तान ने कहा है कि पाशा को हेडली से कुछ लेना देना नहीं है, पर हेडली ने एनआईए को पूछताछ में पाशा का नाम बताया था.
जकी-उर-रहमान-लखवी
लश्कर-ए-तैयबा के चीफ की लिस्ट में ये दूसरे नंबर पर आता है. कश्मीर में चल रहे सभी ऑपरेशन में सुप्रीम कमांडर की भूमिका निभाने वाला ये शख्स आतंकवादियों के बीच लखवी चाचा के नाम से फेमस है. एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में इसका नाम है. 26/11 के हमले में सभी आतंकियों की भर्ती और ट्रेनिंग इसी के जिम्मे थी.
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